"Apni dvara vishwasghat ki Jane kesi gehri chot hogi" ek kahani yeh bhi ke adhar par bataiye

लेखिका के पिता को अपनों द्वारा बहुत से धोखे प्राप्त हुए थे। लेखिका इस पंक्ति में पिता की इस व्यथा को व्यक्त करती है।

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