ashaya spasht kare ---
is tarkshastragyata or is nyaysheelta ki balihari! vedo ko prayaha sabhi hindu ishwar-krit mante hai. so ishwar to ved mantrao ki rachna athwa unka darshan vishwavara aadi striyon se karawe or hum unhe kakhara padhana bhi paap samjhe ....??
answer please ...

यहाँ पर लेखक ऐसे लोगों का मज़ाक उड़ा रहे हैं, जो यह कहते हैं कि प्राचीन भारत में स्त्रियों को नहीं पढ़ाते थे। अतः लेखक विश्ववरा नामक स्त्री के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि यदि स्त्रियाँ पढ़ी लिखी नहीं थी, तो 'भगवान' विश्ववरा नामक स्त्री से अपने वेदों का दर्शन क्यों करवाते। लेखक के अनुसार पंडितो द्वारा यही कहा जाता है कि ईश्वर ने वेद बनाए हैं। यदि उन्होंने वेद बनाएँ हैं और वे स्त्रियों की पढ़ाई के विरोधक थे, तो उन्हें वेदों के दर्शन के लिए विश्ववरा नामक स्त्री की आवश्यकता पड़ती। वह किसी पुरुष ऋषि से यह करवा सकते थे। इसके विपरीत तब इन पंड़ितो ने ईश्वर (भगवान) का विरोध नहीं किया लेकिन जब हम अपने घरों में अपने घर की स्त्रियों को ककहरा (हिंदी में इस विधि के माध्यम से पहले पढ़ाया जाता था) पढ़ाएँ, तो हमारा विरोध किया जाता है और हमें पापी बोला जाता है।

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