मानवीकरण अलंकार aur अन्योक्ति अलंकार : ke examples and unke matlb??unable to understand from study material
मानवीकरण अलंकार :- जहाँ प्रकृति को मनुष्य के समान क्रियाकलाप करते हुए या उसके समान भावना से युक्त दिखाया जाता है, वहाँ मानवीकरण अलंकार होता है। प्रकृति जड़ है। वह मनुष्य के समान कार्य, व्यवहार तथा भावनाओं का आदान-प्रदान नहीं कर सकती है। परन्तु मानवीकरण अलंकार में प्रकृति को मनुष्य के समान ही व्यवहार, कार्य, तथा भावनाओं से युक्त दिखाया जाता है।
(1) कौकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दै।
(इस पंक्ति में कोयल को मनुष्य के समान बच्चे का दिल बहलाते दर्शाया गया है। अत: यहाँ मानवीकरण अलंकार है।)
अन्योक्ति अलंकार :- इसका संधि-विच्छेद इस प्रकार है अन्य+उक्ति अर्थात कहने वाला व्यक्ति अपनी बात किसी और उदाहरण (उक्ति) के द्वारा समझाता है। वह व्यंग्य के माध्यम से भी अपनी बात रख सकता है। इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा के रूप भी पहचाना जाता है। इसका उदाहरण इस प्रकार है-
नहि पराग नहि मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल।
अली कली ही सो बँध्यो, आगे कौन हवाल।।
(1) कौकिल हलावै-हुलसावै कर तारी दै।
(इस पंक्ति में कोयल को मनुष्य के समान बच्चे का दिल बहलाते दर्शाया गया है। अत: यहाँ मानवीकरण अलंकार है।)
अन्योक्ति अलंकार :- इसका संधि-विच्छेद इस प्रकार है अन्य+उक्ति अर्थात कहने वाला व्यक्ति अपनी बात किसी और उदाहरण (उक्ति) के द्वारा समझाता है। वह व्यंग्य के माध्यम से भी अपनी बात रख सकता है। इस अलंकार को अप्रस्तुत प्रशंसा के रूप भी पहचाना जाता है। इसका उदाहरण इस प्रकार है-
नहि पराग नहि मधुर मधु, नहिं विकास इहि काल।
अली कली ही सो बँध्यो, आगे कौन हवाल।।