baaj or saap path ke shirshak ki sarthakta per apne vicharprakat kijiye avum koi or shirshak samjhate hue apna tark prastut kijiye

बाज और साँप कहानी इसलिए दिया गया है क्योंकि दोनों ही इस पाठ में मुख्यपात्र हैं और पूरी कहानी उनके आस-पास घूमती है। बाज आज़ाद जीवन का प्रतीक है और बाज़ गुलाम जीवन का प्रतीक है।एक मनुष्य को आज़ादी का महत्व समझता है और दूसरा जीवन मनुष्य को गुलामी के दोष को व्यक्त करता है। अतः इस कहानी का नाम बाज और साँप अच्छा दिया गया है।

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