baalgobin bhagat ki dincharya logo ke achraj ka kaaran kyo thi

मित्र बालगोबिन भक्त सर्दी, गर्मी तथा बरसात में जैसे मौसमों में अपनी दिनचर्या को एक सा रखते थे। वे सुबह चार बजे उठ जाते थे और नहा धोकर भजन गाते थे। वे खेती-बाड़ी के साथ-साथ प्रभु भक्ति में लीन रहते। उनका नीति नियम लोगों को दाँतों तले अंगुली दबाने को विवश कर देता था।

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