Bachche kaam par jaa rahe hai.Lekhak samaj ki kis kuriti ki or sanket kar raha hai?

मित्र इसमें कुरीति कोई नहीं है। बच्चे काम पर जा रहे हैं यह सामाजिक अपराध है। कुरीति ऐसी रीति होती है, जो सदियों से और हर वर्ग में समान रूप से चलती है। जो अपनी कमियों के कारण कुरीति में बदल जाती है; जैसे दहेज प्रथा। आरंभ में माता पिता अपनी इच्छा से विवाह के समय में सामान देते थे परन्तु बाद में यह मुँह खोलकर माँगा जाने लगा। अतः यह कुरीति बन गया है। बच्चे काम पर जाते हैं, तो वही बच्चे काम पर जाते हैं जिनके माता-पिता की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। बाकी वर्गों में इस तरह से नहीं देखा जा सकता है।

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