badti hui pratyogita ke karan badte tanav ko kam karne ke sujhav brainly

मित्र

प्रतियोगिता हमारे अंदर की योग्यता को प्रमाण देने का माध्यम है। प्रतियोगिता इसलिए करवाई जाती है कि बच्चों के अंदर लड़ने की क्षमता का विकास और साथ ही वे जीतना सीखें। मगर क्या प्रतियोगिता का उद्देश्य इतना ही है? प्रतियोगिता का उद्देश्य इससे कहीं आगे हैं। प्रतियोगिता हमें हिम्मत देती है कतार में अलग खड़े होने के लिए प्रेरित करती है। प्रतियोगिता के कारण बढ़ते हुए तनाव को कम करने के लिए हमें प्रतियोगिता को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए।
प्रायः सबका उद्देश्य रहता है कि हम प्रतियोगिता में विजय बने। विजय प्राप्त करना हमारा उद्देश्य होता है। यह बाद की बात है मगर महत्वपूर्ण जीतना नहीं होता। महत्वपूर्ण होता है, उस प्रतियोगिता में भाग लेना। हर प्रतियोगी जीत नहीं सकता है। 100 में से कितने है, जो प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए खड़े होते हैं? जवाब होगा 10 बच्चे। इसका अर्थ है कि दस बच्चे हैं, जो खड़े होते हैं। उनमें से हर बच्चा यह जानता है कि किसी तीन को ही विजेता माना जाएगा। बाकी सब बाहर हो जाएँगे। हार का डर सभी को होता है मगर हार के डर से हम खड़े ही न हो, यह उचित नहीं है। ये बच्चे उस डर से बाहर निकलकर सामने आते हैं।

हार का मुँह न देखने के कारण हम लड़ने के लिए खड़े न हों, तो यह अधिक कायरता की निशानी है। महत्वपूर्ण यह है कि हम खड़े हुए, हमने प्रयास किया, हमने बिना प्रयास के हार नहीं मानी, हम हार के डर से खड़े नहीं हुए, हम खड़े हुए लड़ने के लिए, हम खड़े हुए स्वयं को साबित करने के लिए, हम खड़े हुए अपनी क्षमताओं और योग्यता के विकास के लिए, हम खड़े हुए स्वयं के लिए, हम खड़े हुए जीवन में गिरकर संभलने के लिए। कितने सारे कारण हमें मिले।

यही सारे कारण साबित करते हैं कि प्रतियोगिता में जीतने से अधिक भाग लेना महत्वपूर्ण है। हम हर बच्चे को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

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