Bal govind bhagat ki fun charia ? Bal govind bhagat ki ka kaber sa pram
मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।
बाल गोविंद भगत बहुत सरल व्यक्ति थे। वह अपना काम स्वयं करते थे। किसी और को कष्ट नहीं देते थे। सवेरे उठकर गांव से 2 कोस दूर गंगा नदी में स्नान करने जाते थे। फिर उसके बाद खेतों में अकेले ही खेती करते थे। किसी की मदद नहीं लेते थे। गीत गाते रहते थे। बालगोबिन भगत कबीर को बहुत मानते थे और उन्हीं के आदर्शों पर अपना जीवन जी रहे थे। कबीर की टोपी हमेशा उनके सिर पर रहती थी। बेटे की मृत्यु के बाद बहु का पुनर्विवाह करवाना चाहते थे।
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बाल गोविंद भगत बहुत सरल व्यक्ति थे। वह अपना काम स्वयं करते थे। किसी और को कष्ट नहीं देते थे। सवेरे उठकर गांव से 2 कोस दूर गंगा नदी में स्नान करने जाते थे। फिर उसके बाद खेतों में अकेले ही खेती करते थे। किसी की मदद नहीं लेते थे। गीत गाते रहते थे। बालगोबिन भगत कबीर को बहुत मानते थे और उन्हीं के आदर्शों पर अपना जीवन जी रहे थे। कबीर की टोपी हमेशा उनके सिर पर रहती थी। बेटे की मृत्यु के बाद बहु का पुनर्विवाह करवाना चाहते थे।