Bal Govind Bhagat putravadhu Ke Punar Vivah ke roop Mein Samajik samasya ka Samadhan prastut karna chahte hain

मित्र उस समय विधवा विवाह मान्य नहीं था। उन्होंने अपनी विधवा बहू के विवाह के लिए उसके भाई को कहा। बालगोबिन भगत अपनी बहू का पुनर्विवाह करनेे को कहकर अपनी परंपरा से हटकर कार्य करना चाहते थे। ऐसा करके वह इस सामाजिक समस्या का समाधान प्रस्तुत करना चाहते थे। उनके इन गुणों से उनमें एक समाज सुधारक की छवि उभरती है और उन्हें साधु-संतों की श्रेणी में सबसे ऊपर खड़ा करती है। उन्होंने समाज में चली आ रही सड़ी-गली परंपराओं को तोड़ा।

  • -2
Send

  • -1
What are you looking for?