Balgobin bhagat ki sangeet sadhna ka charam utkarsh kis din dekhne ko mila ?

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आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। 

बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष इस दिन देखने को मिला जब उनके बेटे की मृत्यु हुई। उन्होंने अपने बेटे को चारपाई पर लिटाया और अपनी बहु से कहा कि ये समय रोना का नहीं है। ख़ुशी मनाओ। आत्मा परमात्मा से मिल गई है। बालगोबिन भगत वहीँ जमीन पर अपना आसन लगा कर बैठ गए और गीत गाते रहे। 

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