bhagvan ke dakiye ka anoched

भगवान द्वारा दिए गए एकता के सन्देश को पूरे विश्व में फैला रहे हैं। उनके द्वारा लाई गई चिट्ठियों (सन्देश) को मनुष्य नहीं समझ सकते मगर पेड़, पौधे, पानी और पहाड़ बड़ी आसानी से इन चिट्ठियों को समझ सकते हैं। इसका अभिप्राय है कि मनुष्य ने देश व धर्म के नाम पर स्वयं को टुकड़ों में विभाजित कर लिया है जिसके कारण वह उनके एकता के संदेश को नहीं समझ पाएगा। पक्षी और बादल मनुष्य की भांति पृथ्वी को बाँटे हुए नहीं हैं बल्कि वह सबके साथ समान रूप से एक-सा व्यवहार करते हैं। पक्षी दूसरे देश जाकर रहता है, पेड़ों का आश्रय लेता है। बादल भी हर देश में जाकर बरसते हैं। उनके लिए सब एक ही हैं। अतः यह तो वही समझ सकता है जो उनकी ही भांति समान व्यवहार करते हो।
 

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