bhasha ki paribhasha 

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भाषा की परिभाषा जाने से पहले आपको यह समझना होगा की भाषा क्या होती है। आरम्भ में जब मनुष्य की उत्पति हुई तो वह अपने विचारों को बोलकर व्यक्त करता था और दूसरा व्यक्ति सुनकर उसके विचारों व भावों को समझता था। धीरे-धीरे उसने विकास किया और चित्रों के माध्यम से विचारों व भावों को व्यक्त करना आरम्भ किया। अब वह अपने विचारों व भावों को अपने से दूर रह रहे मित्रों व सम्बन्धियों को व्यक्त करना चाहता था, तब जाकर उसे लिखने की आवश्यकता महसूस हुई। इस तरह लिपि का जन्म हुआ। अब वह अपने विचारों व भावों को लिखकर भी व्यक्त करने लगा। लोग पढ़कर भी उसके विचारों का समझने लगे।
इस आधार पर भाषा की परिभाषा हुई- मनुष्य जिस माध्यम से अपने भावों व विचारों को बोलकर, सुनकर, लिखकर व पढ़कर प्रकट करता है, वह माध्यम भाषा कहलाती है।
 
मैं आशा करती हूँ की आपको आपके प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
 
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