Bihari ki bhakti bhavna par prakash daliye.
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है। कृपया आप इसे विस्तारपूर्वक लिखिए।
बिहारी जी ने माथे पर चंदन का तिलक तथा हाथ में माला लेकर जपने वाली भक्ति को बाहरी आडंबर कहा है। उनके अनुसार इस प्रकार की भक्ति से भगवान प्राप्त नहीं होते हैं। उनके अनुसार यदि सच्चे मन से प्रभु भक्ति की जाए, तो वह स्वतः ही प्राप्त हो जाते हैं।
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बिहारी जी ने माथे पर चंदन का तिलक तथा हाथ में माला लेकर जपने वाली भक्ति को बाहरी आडंबर कहा है। उनके अनुसार इस प्रकार की भक्ति से भगवान प्राप्त नहीं होते हैं। उनके अनुसार यदि सच्चे मन से प्रभु भक्ति की जाए, तो वह स्वतः ही प्राप्त हो जाते हैं।