bihari ki bhassa shaali paar prakash daalia ?

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
 
बिहारी श्रृंगार रस के कवि माने जाते हैं। जितना सुंदर वर्णन इन्होंने श्रृंगार के दोनों भेदों का किया है, शायद ही किसी और न किया हो। अपनी साहित्यिक ब्रज में इन्होंने इसका सुंदर रूप प्रस्तुत किया है। इनकी भाषा साहित्यिक ब्रज है। यही इनकी भाषा की विशेषता है। इनका शब्द चयन बहुत ही सुंदर है। इन्होंने शब्दों का प्रयोग प्रत्येक भाव के अनुकूल किया है। मुहावरेदार भाषा, सार्थक तथा सरल जान पड़ती है। ये दोहा तथा सोरठा छंद में सिद्धहस्त हैं। इन्हीं का प्रयोग अधिक मिलता है।

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not knowing 
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bihari ke basha  brej  hai..
voh jyada bhi zrinkar parak doha likh rakthe hai

​voh kam shabd mey jyada arth spasht karne mey nipun te..

hope it helps.. 

please thumbs up if u liked it..

 
  • -2
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