Bismilla khan ki tulna hiran se kyu ki gai h?pathhit paat k adhar pr likhiye.

लेखक कहता है की जिस तरह हिरन अपनी महक से परेशान होकर पूरे जंगल में उस वरदान को ढूंढता है जिसकी सुगंद उसके अंदर ही समायी हुयी है, उसी तरह बिस्मिल्लाह खा अस्सी वर्ष से सोचते आये है की सातो सुरो को बरतने की योग्यता उन्हें सलीके से अभी तक क्यों नहीं आयी है 
लेखक का आशय यह है की बिस्मिल्लाह खान के अंदर सुर की साड़ी विशेषताएं विघमान है , फिर भी वे सुर की तलाश में लगे हुए है 
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