Bismillah khan ganga jamuni sanskriti ke pratik the sidh kare

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

भारत रत्न’ से विभूषित सर्वश्रेष्ठ शहनाई वादक, बिस्मिल्ला खाँ ‘मंगल ध्वनि’ के लिए प्रसिद्ध थे। बिस्मिल्ला खाँ मिली-जुली संस्कृति के प्रतीक थे। उनके उत्कृष्ट वादन के लिए उन्हें काशी में हमेशा याद किया जाता है। जैसे गंगा और जमुना एक साथ मिल जाते हैं, ठीक इसी प्रकार बिस्मिल्ला खाँ ने भी विभिन्न संस्कृति को आत्मसात करके गंगा-जमुनी संस्कृति को आगे बढ़ाया है। गंगा नदी का किनारा, काशी का साहित्य, वहाँ का संगीत, कला और परंपराओं से ओत – प्रोत बिस्मिल्ला खाँ गंगा -जमुनी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध हैं। बिस्मिल्ला खाँ के जीवन में गंगा नदी और बाबा विश्वनाथ के साथ-साथ बालाजी अपार महत्त्व रखते थे। बिस्मिल्ला खाँ गंगा के किनारे रियाज़ करते रहते थे। बिस्मिल्ला खाँ गंगा किनारे, काशी के संकटमोचन मंदिर में संगीत आयोजन में हमेशा मौजूद रहते थे।
 

  • 9
What are you looking for?