BRIEF DESCRIPTION ON  mishrit and sanyukt VAKYA

मिश्र वाक्य- इसमें मुख्य वाक्य के साथ दूसरा उपवाक्य होता जो मुख्य उपवाक्य में आश्रित होता है। यह वाक्य व्यधिकरण समुच्चयबोधकों से जुड़े रहते हैं यह इसकी पहचान होती है जैसे- जैसा-वैसा, जो-वह, कयोंकि, यदि-तो, इसलिए, जिससे, मानो इत्यादि। यही इसकी पहचान है। जैसे- 1.) राज के चाचा की शादी है इसलिए वह नहीं आया।

2.) यदि तुम अस्पताल गए होते तो आज यह नहीं होता।

संयुक्त वाक्य- इस वाक्य में दो वाक्य समान होने के कारण आपस में जुड़े होते हैं। इसकी पहचान यह होती है की यह समानाधिकरण समुच्चबोधकों से जुड़े होते हैं; जैसे- परंतु, एव, तथा, लेकिन, वरना, बल्कि, या, और इत्यादि-

1.) खाना अभी गरम किया था और वह ठंडा भी हो गया।

2.) आप दाल खाएँगे या सब्जी। आशा करती हूँ कि अब आपको पहचानने में गलती नहीं होगी बस आप यह ध्यान रखिएगा की वाक्य किन योजकों (अव्ययों) से जुड़ा है। आपको यह याद रखना है की दोनों में समुच्चबोधक अव्यय प्रयोग होता है परन्तु दोनों में समुच्चबोधक अव्यय के अलग-अलग भेद का प्रयोग होता है। आपने जहाँ इन को याद कर लिया आपको संयुक्त व मिश्र वाक्य के बीच का भेद पता चल जाएगा।

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sanyukt vakya :- yadi vakya mein 1 ya ek se adhik Sadharan vakya ho to vah Sanyukt vakya.

isme yojak hate hain

 
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