Can anybody will explain me this in simple manner

प्रिय मित्र ,

उनके गीतों में जादुई प्रभाव था संध्या समय जब वे अपनी मंडली समेत गाने बैठते तो उनके द्वारा गाए पदों को उनकी मंडली दोहराया करती थी, भगत के स्वर के आरोह के साथ श्रोताओं का मन भी ऊपर उठता चला जाता और लोग अपने तन-मन की सुध-बुध खोकर संगीत की स्वर लहरी में ही तल्लीन हो जाते। गर्मियों की शाम में उनके गीत वातावरण में शीतलता भर देते थे।उनकी मधुर वाणी को सुनते ही लोग झूमने लगते हैं, स्त्रियाँ स्वयं को रोक नहीं पाती है तथा अपने आप उनके होंठ काँपकर गुनगुनाते लगते हैं। 

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