can anyone give me summary og poem AGNIPATH
Hi!
अग्नि-पथ कविता में कवि ने मनुष्य के संघर्षमय जीवन को अग्नि के समान मार्ग कहा है। जिस प्रकार अग्नि के ऊपर से चलना संभव नहीं होता है उसी प्रकार संघर्ष रुपी जीवन को जीना भी बहुत मशिकल होता है। वह मनुष्य को प्रेरणा देते हैं की अपनी मंजिल को प्राप्त करने के लिए हमें चाहिए की बिना थके, बिना रूके व बिना डरे हमें कर्मठतापूर्वक बढ़ते रहना चाहिए। परेशानी तो हमेशा हमारे चारों तरफ रहेगी परन्तु असली मनुष्य वही कहलाता है जो उन्हें धकेलता हुआ निरन्तर बढ़ता रहता है। हमारा उठा एक-एक कदम हमें अपनी मंजिल की ओर लेकर जाएगा। इस प्रकार का मनुष्य समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत होता है।
आशा करती हूँ कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
ढ़ेरों शुभकामनाएँ!