can anyone give some debating points on the topic dharm ki aad (written by Ganeshshankar Vidyarthi) in both favour and against.

नमस्कार मित्र,

पक्ष में-

१. धर्म की आड़ में कवि ने धार्मिक कट्टरपंथियों पर निशाना साधा है।

२. लोगों को चेताने का प्रयास किया है।

३. धर्म के नाम पर अपना रवैया नरम करने पर जोर दिया है।

४. धर्म की परिभाषा समझाने का प्रयास किया है।

 

विपक्ष में-

१. लेखक ने सभी को मूर्ख बनाया है।

२. लेखक ने सभी धर्म गुरूओं पर निशाना साधा है, जो कि सही नहीं है। क्योंकि सभी गुरू स्वार्थी नही होते है।

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