Can you answer the Mokhik prashna
प्रिय मित्र!
हम एक बार में सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं दे सकते हैं। हम प्रथम का उत्तर दे रहेे हैं। आप अपने प्रश्न पुनः पूछ सकते हैं।
कवि इस बात सेे चिंतित है कि धर्म के नाम पर सागर बाँट दिया है, धरती बाँट दी है यहां तक कि भगवान को भी मंदिर, मस्जिद और गिरजाघर मेंं बाँट दिया है। कवि कह रहे हैंं कृपया इंसान को मत बाँटो।
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कवि इस बात सेे चिंतित है कि धर्म के नाम पर सागर बाँट दिया है, धरती बाँट दी है यहां तक कि भगवान को भी मंदिर, मस्जिद और गिरजाघर मेंं बाँट दिया है। कवि कह रहे हैंं कृपया इंसान को मत बाँटो।