can you explain me the answer of chapter 4 of Sparsh Bhag question is Satkar ki ushma samapt hone par kya hua

मित्र क्योंकि अतिथि आवश्यकता से अधिक दिन लेखक के घर रूक गया था। लेखक अपने अनुसार अतिथि की हर संभव सत्कार कर चुके थे। इसलिए सत्कार की ऊष्मा समाप्त होने पर डिनर खिचड़ी में बदल गया।   लेखक ने शुरु-शुरु में अपने अतिथि की खूब मेहमान नवाज़ी की। उसके लिए तरह-तरह के पकवान बनवाए। परंतु दो-तीन दिन के बाद भी जब अतिथि ने जाने का नाम नहीं लिया तो लेखक को वह राक्षस प्रतीत होने लगा। उसका सारा उत्साह ठंडा हो गया।   

  • 0
What are you looking for?