can you give me 5 sakhiyan of kabirdas exept which are there in the book

 बुरा जो देखन में चला, बुरा ना मिलया कोई,

जो मन खोजा आपना तो मुझ से बुरा ना कोई

चलती चाक्की देख के दिया कबीरा रोए
दुइ पाटन के बीच में साबुत बचा ना कोए

साँईं इतना दीजिये जामें कुटुम्ब समाये,
मैं भी भूखा ना रहूँ, साधू ना भूखा जाये

माया मरी ना मन मरा, मर मर गये शरीर,
आशा त्रिश्ना ना मरी, कह गये दास कबीर.

दुख में सुमिरन सब करें, सुख में करे ना कोये
जो सुख में सुमिरन करे, तो दुख काहे होये.

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 thnk u soooooo much

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नमस्कार मित्र!
इसके अलावा ये भी हैं-
1. माटी कहे कुमार से, तू क्या रोंदे मोहे।
एक दिन ऐसा आएगा,मैं रोंदुगी तोहे।।
2. चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोय।
दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोए।।
3. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय।।
 
हमारे अन्य मित्र द्वारा दिए गए उत्तर के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।

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 thnk u sooo much!

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