Can you please give me short answer of Q4. of bhagvaan ke dakiye?

इनचिट्ठियोंमेंभगवानकालायायहसन्देशरहताहैकिमनुष्यको स्वयंकोदेशोंमेंनबाँटकरसद्भावनासेमिलजुलकररहनाचाहिए।भगवान की बनाई इस दुनिया में मनुष्य ने हीस्वयंको बाँटा हैइसलिए ये चिट्ठियाँ वे नहीं पढ़ पाते केवल प्रकृति ही इसे पढ़ पाती हैक्योंकि नदी,जल,हवा,अपनी ठंडक,पेड़-पौधें,फूल अपनी सुगंध समान भाव से बाँटते हैं। ये एकता,मेल,सद्भावना का संदेश देते हैं।नदियाँसमानभावसेसभीलोगोंमेंअपनेजलकोबाँटतीहै।वहकभीभेदभावनहींकरती।हवासमानभावसेबहतीहुईअपनीठंडक,शीतलतावसुगन्धकोबाँटतीजातीहै।वोकभीभीभेदभावनहींकरती।पेड़-पौधेंसमानभावसेअपनेफल,फूलवसुगन्धकोबाँटतेहैं,कभीभेदभावनहीकरते।मनुष्यहीइसभेदभावमेंउलझारहताहै, इसलिएयहसबभगवानकेइससन्देशकोसमस्तसंसारमेंप्रचारितकरतेहुएसद्भावनाकासन्देशदेतेहैं।

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