can you write a hindi speech on vaytha aadme kho parajit nahi karti use aaje badne ka sandesh date hai.
जीवन सुख-दुखों के ताने-बाने से बनता है। जीवन में सुख-दुख धूप-छांव की तरह आते जाते हैं। ये ही मनुष्य को लड़ने की प्रेरणा देते हैं। मनुष्य के जीवन में व्यथा तथा संघर्ष परम आवश्यक है। एक मनुष्य तभी मनुष्य कहलाता है, जब वह इन पर विजय पा लेता है। इस संसार में ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं है जिसने संघर्ष तथा व्यथा का सामना नहीं किया हो। यह अवश्य है किसी के जीवन में कम और किसी के जीवन में ज्यादा होते हैं परन्तु होते अवश्य है। एक मनुष्य इनसे लड़कर ही सोने के समान चमक उठता है। ये उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उसका व्यक्तित्व भी इनके कारण ही निखरता है। जिसे जीवन सब कुछ बिना परिश्रम किए मिल जाए, उसे जीवन का सच्चा अर्थ ज्ञात नहीं हो पाता। हरिवंशराय बच्चन ने इसी इसलिए निरतंर चलने के लिए प्रेरित करते हुए एक कविता लिखी थी-
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
वृक्ष हों भले खड़े, हों घने, हों बड़े,
एक पत्र-छाँह भी माँग मत, माँग, मत, माँग मत!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
तू न थकेगा कभी! तू न थमेगा कभी! तू न मुड़ेगा कभी! -
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्नि पथ! अग्नि पथ! अग्नि पथ!
हरिवंशराय मनुष्य को अग्नि के समान जीवन में इनसे लड़ने की प्रेरणा देते हैं। यदि मनुष्य इनसे हार जाए, तो कभी उभर नहीं सकेगा और स्वयं को खड़ा करने के लिए उसे इनसे पार पाना होगा। यदि गांधी जी हार जाते तो पूरा देश हार जाता पूरा देश हार जाता तो हम कभी स्वतंत्रता कभी प्राप्त नहीं कर सकते थे।