Ch- aapna aapna bhagya by jenendra kumar jain sahitya sagar
उत्तर- लेखक और उनके मित्र नैनीताल की एक सड़क के किनारे बेंच पर बैठे थे। वह दोनों दिन भर निरुद्देश घूमने के बाद थक चुके थे और कुछ ही देर में रात भी होने वाली थी , 15 मिनट बैठने के बाद भी लेखक के दोस्त का उठने का कोई मन ना था। लेकिन जब लेखक जाने के लिए उठ खड़े हुए तो उनके मित्र ने उन्हें हाथ पकड़ कर थोड़ी देर और बैठने के लिए कहा। इसीलिए वहां पर लेखक चुपचाप बैठे थे तथा मन ही मन कुङ रहे थे।