chaaya mat choona mein kavi yatharth ke poojan ki baat kyun karta hai.uski drishti mein yatharth ka kya swaaroop hai

मित्र यथार्थ मनुष्य जीवन के संघर्षों का कड़वा सच है। हम यदि जीवन की कठिनाइयों दु:खों का सामना कर उनको अनदेखा करने का प्रयास करेंगे तो हम स्वयं किसी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकते। बीते पलों की स्मृतियों को अपने से चिपकाके रखना और अपने वर्तमान से अंजान हो जाना मनुष्य के लिए मात्र समय की बर्बादी के अलावा और कुछ नहीं है। अपने जीवन में घट रहे कड़वे अनुभवों मुश्किलों से दृढ़तापूर्वक लड़ना ही मनुष्य का प्रथम कर्त्तव्य है अर्थात् जीवन की कठिनाइयों को यथार्थ भाव से स्वीकार उनसे मुँह मोड़कर उसके प्रति सकारात्मक भाव से उसका सामना करना चाहिए। तभी स्वयं की भलाई की ओर एक कदम उठाया जा सकता है, नहीं तो सब मिथ्या ही है। 

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