Chapter 1 of hindi NCERT book
मित्र
पक्षी पिंजरे में बंद होने के कारण दुख को झेल रहे हैं। उनकी आज़ादी छिन गई है। पिंजरे से टकरा-टकराकर उन्होंने अपने पंख तोड़ लिए हैं। वह आकाश में आज़ाद होकर उड़ना चाहते हैं। परन्तु पिंजरे ने उनके इस स्वप्न को तोड़ दिया है। वह इसके लिए प्रार्थना करते हैं। परन्तु कोई उनकी आवाज़ नहीं सुन रहा है।
पक्षी पिंजरे में बंद होने के कारण दुख को झेल रहे हैं। उनकी आज़ादी छिन गई है। पिंजरे से टकरा-टकराकर उन्होंने अपने पंख तोड़ लिए हैं। वह आकाश में आज़ाद होकर उड़ना चाहते हैं। परन्तु पिंजरे ने उनके इस स्वप्न को तोड़ दिया है। वह इसके लिए प्रार्थना करते हैं। परन्तु कोई उनकी आवाज़ नहीं सुन रहा है।