character sketch of father bulke . also mention about his family.  chap - manviy karuna ki divya chamak

मित्र फादर बुल्के अन्य साधुओं के समान संसार से विरक्त नहीं थे। उनके मित्र थे। जिन्हें वह बहुत प्यार करते थे। और उनके साथ उनका आत्मीय संबंध था। प्रायः साधु-संत परिवारों और संबंधों से दूर रहते हैं। वे उन्हें सांसारिक मोह माया समझते हैं। परन्तु फादर बुल्के ऐसा नहीं करते थे। वे मित्र बनाते थे तथा उनके अच्छे के लिए प्रयासरत्न रहते थे। ऐसा करके उन्हें साधु-संतों की परिभाषा बदल दी थी। उनके जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है कि संसार के प्रत्येक प्राणी के साथ प्रेम का व्यवहार रखना चाहिए और सबके भले के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। इस तरह हम मानवता को बढ़वा देते हैं और सद्भावना और प्रेम का प्रसार करते हैं। 

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thnx
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