Chaya mat chuna me lavi ko kavita mein aage ka marg kyu dikhayi nhi deta ? Iske liye vah apne aap ko kya sujhav deti hai?
मित्र
छाया मत छूना कविता में कवि कहते हैं कि पुरानी बातों को यदि हम पकड़ कर बैठे रहें और उसी की याद में खोए रहे हैं, तो हमें आगे का मार्ग दिखाई नहीं देगा और बहुत दुख होगा। इस दुविधा से बचने के लिए लेखक कहते हैं कि जो ना मिले उसेेेे भूल जाओ और आगे की राह लो।
छाया मत छूना कविता में कवि कहते हैं कि पुरानी बातों को यदि हम पकड़ कर बैठे रहें और उसी की याद में खोए रहे हैं, तो हमें आगे का मार्ग दिखाई नहीं देगा और बहुत दुख होगा। इस दुविधा से बचने के लिए लेखक कहते हैं कि जो ना मिले उसेेेे भूल जाओ और आगे की राह लो।