chote bhai ko satsangathi ki bare me patr
पताः रमेश नगर, दिल्ली
दिनांकः 10 जून
प्रिय भाई,
बहुत प्यार!
कल पिताजी से बात हुई पता चल कि तुम्हारा आचार सही नहीं है। तुम वहाँ जाकर बदल रहे हो। तुम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हो और न ही बड़े-छोटों का लिहाज़ रखते हो।
सदाचार का अर्थ होता है: सद् (अच्छा) + आचार (आचरण या व्यवहार)। सदाचार की सभी धर्मों से मुक्त रूप से प्रशंसा की गई है। इसे मनुष्य के लिए उपयुक्त माना गया है। उनके अनुसार मनुष्य के पास धन न हो परन्तु यदि वह सदाचार के गुण से युक्त है, तो उससे बड़ा धनी कोई नहीं है। सदाचार मनुष्य को विनम्र तथा विवेकी बनाता है। लोगों द्वारा उसका आदर किया जाता है। वह लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बनता है। सदाचार के व्यवहार से मित्रों में बढ़ोतरी होती है और शत्रुओं की संख्या में कमी होती है। सदाचारी व्यक्ति किसी व्यक्ति विशेष पर प्रभाव नहीं छोड़ता अपितु हर उस व्यक्ति पर अपना प्रभाव छोड़ता है, जो उसके संपर्क में आता है। लोग उससे मित्रता करके स्वयं को धन्य मानते हैं। यह सदाचार की महिमा है कि वह मरने के बाद भी अमर हो जाता है।
अतः मैं आशा करता हूँ कि तुम इन बातों पर ध्यान दोगे और सदाचारी बनोगे।
तुम्हारा बड़ा भाई
गौरव