dear experts pls answer marked questions.
1. निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर लिखिए-
कुछ लोगों के अनुसार मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य धन–संग्रह है। नीतिशास्त्र में धन–संपत्ति आदि को ही 'अर्थ' कहा गया है। बहुत से ग्रंथों में अर्थ की प्रशंसा की गई है; क्योंकि सभी गुण अर्थ अर्थात धन के ही आश्रित हैं। जिसके पास धन है वही सुखी रह सकता है, विषय भोगों को संगृहीत कर सकता है तथा दान–धर्म भी निभा सकता है। वर्तमान
युम में धन का सबसे अधिक महत्त्व है। आज हमारी आवश्यकताएँ बहुत बढ़ गई हैं, इसलिए उनको पूरा करने के लिए धन–संग्रह की आवश्यकता पड़ती है। धन की प्राप्ति के लिए भी अत्यधिक प्रयत्न करना पड़ता है तथा सारा जीवन इसी में लगा रहता है। कुछ लोग तो धनोपार्जन को ही जीवन का उद्देश्य बनाकर उचित–अनुचित साधनों का भेद भी भुला बैठते हैं। संसार के इतिहास में धन की लिप्सा के कार् जितनी हिंसा, अनर्थ और अत्याचार हुए हैं, उतने और किसी दूसरे कारण से नहीं हुए हैं। अतः धन को जीवन का सर्वोत्तम लक्ष्य नहीं माना जा सकता क्योंकि धन अपने–आप में मूल्यवान वस्तू नहीं है। धन को संचित करने के लिए छल–कपट आदि का सहारा लेना पड़ता है, जिसके कारण जीवन में अशांति और चेहरे पर विकृति बनी रहती है। इतना ही नहीं इसके संग्रह की प्रवृत्ति के कारण सदा चोर, डाकू तथा दुश्मनों का भय बना रहता है। धन का अपहरण होने या नाश होने पर कष्ट होता है। इस प्रकार  शांति, संघर्ष, दुष्प्रवृत्ति, दुख, भय एवं पाप आदि के मूल होने का कारण, धन को जीवन का परमलक्ष्य नहीं माना जा सकता।
च–   ​अ– उचित शीर्षक बताइए।
    ​    ​ब– धनोपार्जन और धन–संग्रह में अंतर स्पष्ट कीजिए।​

मित्र!
आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

अ. धन - संग्रह या अर्जन
ब. धन-संग्रह करना और धनोपार्जन में बहुत अंतर है। धन-संग्रह करने में मनुष्य को अक्सर छल-कपट का सहारा लेना जरुरी हो जाता है। धन-संग्रह करने पर हमेशा भय बना रहता है कि कहीं संग्रह किए हुए धन को कोई लूट कर न ले जाए। संग्रह किया हुआ धन खो जाने पर बहुत दुःख होता है। धन-संग्रह के उपरान्त धन की सुरक्षा के लेकर चिंता बनी रहती है। धनोपार्जन करने के लिए मनुष्य को बहुत प्रयत्न करने पड़ते हैं। धन कमाने के लिए कई बार अनुचित मार्ग अपनाना पड़ता है। उचित और अनुचित किसी भी मार्ग से धन कमाया जा सकता है। आज के युग में धन ही सबकुछ है। धनोपार्जन ही जीवन का उद्देश्य नहीं होना चाहिए।     

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