dekha, tab to in guno k baaghnaavasheshon ko dote pitaa the. Iska matlab kya hoga?

yaa line is phaat ke doosre para me he. me shabdkosh se bhi nahi samaj paaya.

नमस्कार मित्र,

लेखिका के पिता कोमल, संवेदनशील और दरियादिल व्यक्ति थे। लेकिन यह तब की बात थी, जब उनके पिता की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी थी। परन्तु धीरे-धीरे उनके पिता की आर्थिक स्थिति बिगड़ने लगी। लेखिका चूंकि अपने घर में सबसे छोटी थी इसलिए वह अपने पिता के कोमल संवेदनशील और दरियादिल स्वभाव को देख नहीं पाई थी। जब उसे सब समझ में आने लगा तब तक उसके पिता का यह स्वरूप मात्र दिखावा रह गया था।। (भग्नावशेषों का अर्थ ही लेखिका ने अपने पिता के स्वभाव के खंडहरों को कहा है, जो अब कहीं दिखाए नहीं देते हैं।) अतः लेखिका कहती है कि उसके पिता के स्वभाव में अब वह गुण विद्यमान नहीं रह गए हैं, अब वह उन गुणों का दिखावा मात्र करते हैं। वे तो कबके  उनके स्वभाव से लुप्त हो चुके हैं। ढोने का अर्थ ही लेखिका ने जबरदस्ती लोगों के सामने दिखावा करने से लिया है।

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 Hi,

The father of the writer used to be a proudy and confident person but when the writer get to know him he was destructed because he was betrayed by his own people.

If u don't get it, I'll try again..............

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