Desh Ke Prati Gaurav jagane ke liye Swami Vivekanand ne kya Marg sujhaye

मित्र हम आपको स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं। कृपया इनकी सहायता से इस विषय पर स्वयं लिखने का प्रयास कीजिए। 

स्वामी विवेकानंद का जन्म कलकत्ता में 12 जनवरी 1863 में हुआ था। इनके पिता पेशे से एक वकील थे। इनके पिता का नाम श्री विश्वनाथ दत्त था। इनकी माताजी भुवनेश्वरी एक धर्मपरायण स्त्री थी। अपनी माता के कारण ही इनका आध्यात्म से नाता जुड़ा। यह बाल्काल से ही ध्यान लगाने लगे थे। इन्होंने रामकृष्ण परमहंस को अपने गुरु रूप में स्वीकार किया और उनके नाम से आगे चलकर एक संस्था आरंभ की थी। इन्होंने सांसारिक जीवन से सन्यास लिया और मानवता की सेवा में लग गए। यह भारत संस्कृति के प्रबल समर्थक थे। इन्होंने शिकागो में हुए धर्म सम्मेलन में ऐसा भाषण दिया कि पूरे विश्व ने मुक्त कंठ से इनकी प्रशंसा की। इन्होंने संसार के आगे यह सिद्ध किया की भारतीय संस्कृति विश्व की सबसे प्राचीन और परिष्कृत संस्कृति है। विदेशों में इन्होंने रामकृष्ण परम हंस मिशन की अनेक शाखाएँ खोली और बहुत से शिष्य बनाए। विवेकानंद जी युवाओं पर विश्वास करते थे, उनका मानना था कि वे देश को विकास के पथ पर लेकर जा सकते हैं। इन्होंने अपने भाषणों में उनका आह्वान किया। यह एक कर्मठ, दृढ़ संकल्प व्यक्ति थे। यह जब तक रहे भारतीयों का गौरव रहे।

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An Bhai vahi Jane
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