dev ke saare saye or kavit ka ras batae

मित्र देव के पहले सवैये में श्रृंगार रस है। दूसरे कवित्त में वात्सल्य रस तथा तीसरे कवित्त में श्रृंगार रस का प्रयोग किया गया है। 

  • 0
What are you looking for?