Devdhar ki Chhaya aur father Kamil bulke ke main kya Samanta thi

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
फादर बुल्के में वात्सल्य कूट-कूटकर भरा हुआ था। जैसे देवदार की घनी छाया में एक थका हुआ राहगीर आश्रय और आराम पाता था, वैसे ही फादर बुल्के के सान्निध्य में प्रेम और आश्रय मिलता था। यही कारण है कि फादर बुल्के की छाया को देवदार पेड़ की छाया के समान बताया गया है।

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