Dhanraj Pillay ka jivan kaisa tha?Please give your answer
मित्र धनराज पिल्लै का जीवन संघर्षों से भरा हुआ था। गरीब परिवार से होने के कारण इनके पास अपनी हॉकी स्टिक तक नहीं थी। हॉकी खेलने के लिए इन्हें अपने साथियों से उधार हॉकी स्टिक माँगनी पड़ती थी, और वो भी उन्हें तब मिलती थी जब उनके साथी खेल चुके होते थे। इन्हें अपने जीवन की पहली हॉकी स्टिक तब मिली जब इनके बड़े भाई का भारतीय कैंप के लिए चयन हुआ। तब इनके भाई ने अपनी पुरानी हॉकी स्टिक इन्हे दी। मात्र 16 साल की उम्र में इन्होनें जूनियर राष्ट्रीय हॉकी सन् 1985 में मणिपुर में खेली। 1986 में इन्हें सीनियर टीम में डाल दिया गया । इन्होनें सबसे पहले कृत्रिम घास तब देखी जब ये 1988 में नेशनल्स में भाग लेने दिल्ली आए। इनकी पहली गाड़ी एक सेकेंड हैंड अरमाडा थी। काफ़ी नामी खिलाड़ी बनने के बाद भी इन्हें लोकल ट्रेनों तथा बसों में सफ़र करना पड़ता था। 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने इन्हें पवई में एक फ़्लैट दिया और सन् 2000 में इन्होनें अपनी फ़ोर्ड आईकॉन खरीदी।