did nt undrstud d 1 st para of d poem.... sum1 tel me how d poet is relating deepak with god... ???

plz do ans widin 2 day.. its imp.

मित्र आपके प्रश्न से ज्ञात होता कि आपने इस पहरे को ढंग से नहीं पढ़ा है। कवियत्री ने दीपक को परमात्मा नहीं कहा है। उसने दीपक को आस्था का नाम दिया है। यदि हमारे मन में आस्था नहीं है, तो हम परमात्मा के अस्तित्व को स्वीकार नहीं करेंगे। आस्था ही हमें ईश्वर पर विश्वास दिलाती है। आस्था के सहारे ही हम प्रभु से प्रेम करते हैं और उन्हें सबकुछ मानते हैं। यही आस्था हमें प्रभु के समीप ले जाती है। इसलिए कवियत्री ने दीपक को आस्था कहा है क्योंकि आस्था रूपी प्रकाश के सहारे वह प्रभु के अस्तित्व को स्वीकारती है उन्हें पाना चाहती है। वह जानती है कि यदि आस्था नहीं रही तो उसका प्रभु से संबंध समाप्त हो जाएगा।

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