Difference between nirdashak and yojak chin
प्रिय मित्र ,
योजक चिन्ह का प्रयोग दो पदों के बीच में किया जाता है जैसे -
सुख-दुःख, लाभ-हानि आदि
निर्देशक चिन्ह का प्रयोग उदाहरण, विषय, विवाद, शीर्षक, नाम आदि के आगे किया जाता है जैसे
उदाहरण के लिए -- राम, सीता आदि
उसका नाम था -- कोकिला
अध्यापक -- खड़े हो जाओ
योजक चिन्ह का प्रयोग दो पदों के बीच में किया जाता है जैसे -
सुख-दुःख, लाभ-हानि आदि
निर्देशक चिन्ह का प्रयोग उदाहरण, विषय, विवाद, शीर्षक, नाम आदि के आगे किया जाता है जैसे
उदाहरण के लिए -- राम, सीता आदि
उसका नाम था -- कोकिला
अध्यापक -- खड़े हो जाओ