Difference between the types of vachya in hindi language.
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
कर्तृवाच्य- इस वाच्य में कर्ता प्रमुख होता है।
कर्मवाच्य-इस वाच्य में कर्म प्रधान होता है।
भाववाच्य- इस वाच्य में भाव प्रधान होता है।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
कर्तृवाच्य- इस वाच्य में कर्ता प्रमुख होता है।
कर्मवाच्य-इस वाच्य में कर्म प्रधान होता है।
भाववाच्य- इस वाच्य में भाव प्रधान होता है।
कर्तृवाच्य में कर्ता प्रधान होता है। इसके विपरीत कर्मवाच्य में कर्ता के स्थान पर कर्म प्रधान होता है। भाववाच्य में कर्ता तथा कर्म के स्थान पर भाव प्रधान होता है। यही इनके मध्य अंतर है।