do bailon ki katha in the format of a drama?

मित्र, इसके लिए पूरे पाठ को पढ़िए इसमें आप देखेंगे कि संवाद पहले से दिए हुए हैं। बस आपको उसे नाटक की शक्ल देनी है। इसके लिए पहले पात्रों द्वारा बोले गए संवादों को एक-एक कर लिखना शुरू करें और कुछ इस तरह से लिखें (हम उनके संवाद लिखकर दे रहे हैं, जो नहीं है।)-

झूरी बैलों को प्यार से निहार रहा है। हीरा और मोती एक-दूसरे के प्रति प्रेम का प्रदर्शन करने हेतु सींगों से एक दूसरे को धकेल रहे हैं। उनकी यह लड़ाई प्रेम से भरपूर है। झूरी अपने बैलों को देखकर मन ही मन गर्व से फूल रहा है। पूरे गाँव में उसके जैसे बैल नहीं है। वह अभी यह सोच ही रहा होता है कि उसे अपना साला आता दिखाई देता है। वह झट से खड़ा हो जाता है।

झूरी- अजी सुनती हो! हमारे साले साहब आ रहे हैं। तुम कहाँ हो?

झूरी की पत्नी- (तेज़ी से आती है)- कहाँ हैं? मज़ाक तो नहीं सूझी सुबह-सुबह।

झूरी का साला- (विनम्रतापूर्वक) जीजाजी पाय लागू।

झूरी- (प्रसन्नतापूर्वक) सुखी रहो। कैसे हो? आज हमारी कैसे याद आ गई आपको?

साला- (संकोच करते हुए) जुताई का समय आ गया है। अपने बैलों से काम पूरा नहीं होता है इसलिए सोचा आपके बैलों की जोड़ी भी ले आऊँ।

झूरी- (हैरानी में) मेरे गोई! आज तक यह किसी के घर नहीं गए। मेरे अतिरिक्त तो इन्हें कोई जोत नहीं सकता। बड़े जिद्दी हैं।

झूरी की पत्नी- (क्रोध में) गोई हैं बच्चे नहीं है, जो इन्हें देने से घबरा रहे हो। मेरा भाई है। मुसीबत में है, नहीं तो माँगने नहीं आता।

झूरी-(झेंपते हुए)- अच्छा गुस्सा मत करो। ले जाओ परन्तु जरा ध्यान रखना। मैंने इन्हें खुद से कभी अलग नहीं किया।

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