Dohe,pad or sakhi me antar bataiye
प्रिय मित्र,
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
छंद उन नियमों अथवा मात्राओं को कहते हैं जिनके अंतर्गत पद्य रचना की जाती है। छंद कई प्रकार के होते हैं- दोहा, चौपाई, सवैया, मुक्तक इत्यादि। वे इस प्रकार हैं-
१ . दोहा - दोहे के पहले चरण में 13 मात्राएँ और दूसरे चरण में 11 मात्राएँ विद्यमान होती हैं। दोहा मात्रिक छंद होता है। कविता लिखने के इस ढंग को दोहा कहते हैं। यह छंद का एक भेद है।
2. साखी - साखी शब्द संस्कृत के शब्द साक्षी से लिया गया है। इसका अर्थ लिया गया है साक्ष्य। इसे उपदेश के रूप में भी जाना जाता है। इसमें गुरू अपने द्वारा देखा हुआ या अनुभव किए हुए को अपने शिष्य को बताते हैं। इसमें वह शिष्य को उपदेश देते हैं कि ऐसी परिस्थितियों मे पड़कर उसे क्या नहीं करना चाहिए। साखी पद्य की एक काव्य धारा है , जिसे संतों ने बहुत अपनाया है। इस में गाया जा सकता है।
3 . पद - पद एक काव्य रचना होती है। इसे गाया भी जा सकता है।
आशा करते हैं कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
धन्यवाद।
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
छंद उन नियमों अथवा मात्राओं को कहते हैं जिनके अंतर्गत पद्य रचना की जाती है। छंद कई प्रकार के होते हैं- दोहा, चौपाई, सवैया, मुक्तक इत्यादि। वे इस प्रकार हैं-
१ . दोहा - दोहे के पहले चरण में 13 मात्राएँ और दूसरे चरण में 11 मात्राएँ विद्यमान होती हैं। दोहा मात्रिक छंद होता है। कविता लिखने के इस ढंग को दोहा कहते हैं। यह छंद का एक भेद है।
2. साखी - साखी शब्द संस्कृत के शब्द साक्षी से लिया गया है। इसका अर्थ लिया गया है साक्ष्य। इसे उपदेश के रूप में भी जाना जाता है। इसमें गुरू अपने द्वारा देखा हुआ या अनुभव किए हुए को अपने शिष्य को बताते हैं। इसमें वह शिष्य को उपदेश देते हैं कि ऐसी परिस्थितियों मे पड़कर उसे क्या नहीं करना चाहिए। साखी पद्य की एक काव्य धारा है , जिसे संतों ने बहुत अपनाया है। इस में गाया जा सकता है।
3 . पद - पद एक काव्य रचना होती है। इसे गाया भी जा सकता है।
आशा करते हैं कि आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा।
धन्यवाद।