ek adarsh neta pe ek anuched
हम आपको इस विषय पर कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास कीजिए-
आज के नेताओं का चरित्र आदर्श के योग्य नहीं है। जब हम गुलाम भारत की बात करते हैं, तो हमारे आगे हज़ारों उदाहरण प्रस्तुत हो जाते हैं, जिन्होंने देश को बहुत कुछ दिया था। जवाहरलाल नेहरु, सुभाषचन्द्र बोस, तिलक, लाला लाजपत राय, वल्लभभाई पटेल इत्यादि ऐसे नेता हैं, जिनकी हर माँ-बाप को इच्छा है। मेरे आदर्श नेता सुभाषचन्द्र हैं। उनके जैसा बहादुर, निडर, देश के प्रति समर्पित व्यक्ति शायद ही कोई दूसरा हो। वे जब तक जीवित रहे, देश के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने देश की आज़ादी के लिए हर संभव प्रयास किए। उनके बारे में जब पढ़ता हूँ, तो मुझे गर्व होता है। वे बुद्धिमान ही नहीं बल्कि कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने अकेले ही एक सेना का निर्माण कर लिया था। यदि आज वह जीवित होते, तो भारत का भविष्य कुछ और ही होता।
आज के नेताओं का चरित्र आदर्श के योग्य नहीं है। जब हम गुलाम भारत की बात करते हैं, तो हमारे आगे हज़ारों उदाहरण प्रस्तुत हो जाते हैं, जिन्होंने देश को बहुत कुछ दिया था। जवाहरलाल नेहरु, सुभाषचन्द्र बोस, तिलक, लाला लाजपत राय, वल्लभभाई पटेल इत्यादि ऐसे नेता हैं, जिनकी हर माँ-बाप को इच्छा है। मेरे आदर्श नेता सुभाषचन्द्र हैं। उनके जैसा बहादुर, निडर, देश के प्रति समर्पित व्यक्ति शायद ही कोई दूसरा हो। वे जब तक जीवित रहे, देश के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने देश की आज़ादी के लिए हर संभव प्रयास किए। उनके बारे में जब पढ़ता हूँ, तो मुझे गर्व होता है। वे बुद्धिमान ही नहीं बल्कि कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। उन्होंने अकेले ही एक सेना का निर्माण कर लिया था। यदि आज वह जीवित होते, तो भारत का भविष्य कुछ और ही होता।