essay on " aaj ke samaj mein nari ka sthan" in abt 500 wrds plzz

पहले स्त्री को अबला माना जाता था। परन्तु आज की शिक्षित स्त्री अबला नहीं है। उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी सफलता के झंडे गाड दिए हैं। वे आज नौकरीपेशा हैं। हर क्षेत्र में उनकी योग्यता को सराहा जा रहा है। नौकरी के साथ वह अपना परिवार भी अच्छी तरह से संभाल रही हैं। बीते समय में यदि देखा जाए, तो स्त्री का घर से निकलकर नौकरी करना बहुत ही बुरा माना जाता था। उसे घर में रखी वस्तु के समान ही समझा जाता था लेकिन स्त्री शिक्षा ने इस धारणा को खण्ड-खण्ड कर दिया है। आज बेटों के स्थान पर वह पूरी निपुणता के साथ घर की ज़िम्मेदारियों को संभाल रही हैं। शिक्षा ने उनके अस्तित्व को सम्मान और गौरव दिया है। आज वह किसी पर आश्रित नहीं है। कई लोगों ने आरंभ में स्त्री शिक्षा पर यह कहकर आपत्ति जताई थी कि स्त्री शिक्षा से घर और समाज पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। स्त्रियों ने इस बात को गलत सिद्ध कर दिया है। एक स्त्री के शिक्षित होने से परिवार के पुरुष घर व परिवार की ज़िम्मेदारियों से मुक्त हो गए हैं। अब वे अपना ध्यान पूरी तरह से व्यवसाय और नौकरी में दे पाते हैं। समाज और देश की प्रगति में भी शिक्षित स्त्रियों का योगदान बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए स्त्री का शिक्षित होना बहुत आवश्यक है।

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