Essay on mahatma ghandhi ji in hindi

Hello Kuldeep!!!  : )
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महात्मा गांधी अपने अतुल्य योगदान के लिये ज्यादातर “राष्ट्रपिता और बापू” के नाम से जाने जाते है। वे एक ऐसे महापुरुष थे जो अहिंसा और सामाजिक एकता पर विश्वास करते थे। उन्होंने भारत में ग्रामीण भागो के सामाजिक विकास के लिये आवाज़ उठाई थी, उन्होंने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओ के उपयोग के लिये प्रेरित किया और बहोत से सामाजिक मुद्दों पर भी उन्होंने ब्रिटिशो के खिलाफ आवाज़ उठायी। वे भारतीय संस्कृति से अछूत और भेदभाव की परंपरा को नष्ट करना चाहते थे। बाद में वे भारतीय स्वतंत्रता अभियान में शामिल होकर संघर्ष करने लगे।भारतीय इतिहास में वे एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने भारतीयों की आज़ादी के सपने को सच्चाई में बदला था। आज भी लोग उन्हें उनके महान और अतुल्य कार्यो के लिये याद करते है। आज भी लोगो को उनके जीवन की मिसाल दी जाती है। वे जन्म से ही सत्य और अहिंसावादी नही थे बल्कि उन्होंने अपने आप को अहिंसावादी बनाया था।

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I can't type in Hindi. SORRY
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राष्‍ट्रपिता महात्‍मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। हम उन्‍हें प्‍यार से बापू पुकारते हैं। इनका जन्‍म 2 अक्‍टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ। सभी स्‍कूलों और शासकीय संस्‍थानों में 2 अक्‍टूबर को इनकी जयंती मनाई जाती है। उन्‍हीं के प्रेरणा से हमारा देश 15 अगस्‍त 1947 को आजाद हुआ। गांधीजी के पिता करमचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। इनकी माता का नाम पुतलीबाई था। वह धार्मिक विचारों वाली थी।
उन्‍होंने हमेशा सत्‍य और अहिंसा के लिए आंदोलन चलाए। गांधीजी वकालत की शिक्षा प्राप्‍त करने के लिए इंग्‍लैंड भी गए थे। वहां से लौटने के बाद उन्‍होंने बंबई में वकालत शुरू की। महात्‍मा गांधी सत्‍य और अहिंसा के पुजारी थे। 

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गांधी जयंती (Gandhi Jayanti) एक भारतीय त्यौहार है जो मोहनदास करमचंद गांधी (“राष्ट्र के पिता”/ Father of Nation) के जन्मदिन के अवसर को मनाने के लिए हर वर्ष 2 October को मनाया जाता है.


राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमारे देश को आजादी दिलाई थी I लोग उन्हें प्यार से बापु कहकर पुकारते थे Iगांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर में हुआ I उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था I इनके पिता का नाम श्री कर्मचंद और माता का नाम पुतलीबाई था I 13 वर्ष की आयु में ही इनका विवाह कस्तूरबाबाई से हो गया I


तब वे हाई स्कूल में पढ़ते थे I गांधी जी बचपन से ही सत्य और अंहिसा के पुजारी थे I 1887 में गांधी जी इंग्लैंड चले गये और 3 वर्ष बाद वकील बनकर लौटे I फिर वे अफ्रीका गये वंहा पर लोगों पर विदेशियों का अत्याचार देखकर उनका मन विचलित हो गया और उन्होंने विरोध करने के लिए सत्याग्रह का मार्ग अपनाया I फिर वो भारत को आजाद कराने के लिए भारत वापस आ गये I


गांधी जी ने देश को आजाद कराने के लिए अंहिसा का मार्ग अपनाया और कई आंदोलन किये I उनके मुख्य आंदोलन सत्याग्रह आंदोलन, डांडी यात्रा, असहयोग आंदोलन थे I गांधी जी ने देश से छुआछूत को मिटाने के लिए बहुत प्रयास किये I विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने पर जोर दिया I हमारे देश को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिली पर देश का बंटवारा हो गया I इसके कारण देश में साम्प्रदायिक झगडे हो गये I
 

इसके लिए गांधी जी ने हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए बहुत कार्य किये I 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड़से नाम के व्यक्ति ने गांधी जी की गोली मारकर हत्या कर दी I अंहिसा का पुजारी हमेशा के लिए लोगों से दूर चला गया I

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