Essay on Mansik Tanav (मानसिक तनावkeuparek nibandh) ??

आज का समय भागमभाग वाला है। सब शीर्ष में बने रहना चाहते हैं। इसने एक अनचाही प्रतिस्पर्धा को जन्म दिया है। परिणामस्वरूप लोगों के  पास शांति और संतोष का अभाव है। इसका दुष्परिणाम यह निकल रहा है मानसिक तनाव ने लोगों को आ घेरा है। जब मनुष्य के मन में उत्पन्न तनाव अपनी सारी सीमाएँ पार कर जाए, तो इस स्थिति को मानसिक तनाव कहा जाता है। आज के समय में इस तनाव के बहुत से कारण हो सकते हैं। उदाहरण के लिए परीक्षा का आना, घर में किसी की मृत्यु, कोई बहुत बड़ा नुकसान, किसी बात से उपजा दुख, कर्ज आदि बहुत से कारण हैं, जो तनाव को जन्म देते हैं। आज चिकित्सकों ने मानसिक तनाव को एक बीमारी माना है। क्योंकि तनाव से अन्य प्रकार की बीमारियाँ आ घेरती हैं। रक्तचाप का बढ़ जाना और ह्दयघात होना, भूख न लगना, जिसके कारण कमज़ोरी होना, लकवा मार जाना, किसी प्रकार का डिसआडर, आत्महत्या के लिए प्रेरित होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि आज के चिकित्सक मानसिक तनाव बढ़ने पर मनोचिकित्सक के पास जाने की सलाह देते हैं। सही समय पर किया गया इलाज हमें बचा सकता है। वैसे मानिसक तनाव को रोकने के लिए हमें अच्छी किताबें पढ़नी चाहिए, व्यायाम करना चाहिए, पार्क में घूमने जाना चाहिए, सकारात्मक सोच रखनी चाहिए, चाय, कॉपी, शराब, सिगरेट से दूर रहना चाहिए, अच्छा संगीत सुनना चाहिए। इन उपायों के माध्यम से हम मानसिक तनाव को रोक सकते हैं।

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