essay on shram ka mahatwa

नमस्कार मित्र,


सफलता और श्रम का बड़ा गहरा संबंध होता है। जहाँ श्रम है, वहाँ सफलता अवश्य कदम चूमती है। सफलता जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। हर मनुष्य का एक सपना होता है कि वह अपने क्षेत्र में सफलता अर्जित करे। समाज में उसका खूब नाम और यश हो। उसके पास दुनिया की समस्त धन-दौलत और सुख-सुविधाएँ उपलब्ध हों। अपने सपने को साकार करने के लिए कड़ा श्रम करना पड़ता है। सफलता ऐसे ही प्राप्त नहीं होती है। यदि मनुष्य जीवन में बिना श्रम के धन-दौलत और सुख-सविधाएँ चाहता है, तो यह संभव नहीं है। धनी व्यक्ति को भी अपनी धन-दौलत को बनाए रखने के लिए श्रम करना पड़ता है। एक किसान खेतों में कड़ा श्रम करता है तभी वह अपने खेतों में लहलहाती फसल देख पाता है। श्रम का सबसे बड़ा उदाहरण एक किसान ही है, जिसके श्रम से एक देश की जनसंख्या का पेट भरता है। किसान के पुरुषार्थ के कारण ही यह संभव हो पाता है। श्रम करने से वही लोग डरते हैं, जो आलसी और भाग्यवादी होते हैं। वे जीवनभर भाग्य के भरोसे रहकर रोते रहते हैं। वे जीवन में कभी सफलता अर्जित नहीं कर पाते हैं। वे सदैव स्वयं को धोखे में रखते हैं। श्रम का रास्ता कठिन अवश्य होता है परन्तु सफलता प्राप्त करने का सुख अधिक सुखकारी होता है। श्रम मार्ग में आने वाली हर रूकावट को हटाता चला जाता है। श्रम करने वाला व्यक्ति कठिनाईयों से नहीं घबराता वह सभी विघ्नों को हटाता हुआ अपनी मंजिल पर पहुँच जाता है। हमारे सामने अंबानी, सचिन तेंदुलकर, शाहरूख खान, अमिताभ जैसे हज़ारों उदाहरण है, जिसके श्रम ने उन्हें सफलता के शिखर में विद्यमान कर दिया है। सफलता का दूसरा नाम कड़ा श्रम है।

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