आज के युवाओं में विदेश के प्रति मोह बढ़ता जा रहा है। यह मोह दर्शाता है कि आज के युवा विदेशी संस्कृति से कितना प्रभावित है। उनका मानना है कि विदेशी संस्कृति तथा शिक्षा ही सबसे उत्तम है। अपने देश की संस्कृति और शिक्षा उन्हें व्यर्थ जान पड़ती है। बस उनमें होड़ लग गई है कि वह विदेश से ही पढ़ाई करेंगे और वहीं जाकर बस जाएँगे। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि वह शिक्षा तथा व्यवसाय के अच्छे साधन उपलब्ध है। परन्तु हमारी संस्कृति उनकी संस्कृति से बेकार है, यह बात सत्य नहीं जान पड़ती। उनकी संस्कृति में जो अश्लीलता और फूहड़पन का समावेश है, वह अच्छा मानने के लिए काफी नहीं है। परन्तु आज के युवाओं को यह बात समझा बेकार है। वह भारत बस चाहते हैं कि उन्हें विदेश जाना है, तो जाना है। अपना ज्ञान वह दूसरे देश की सेवा करने में व्यय कर देते हैं और अपने देश को पिछड़ा बना देते हैं। यदि यही प्रयास वह अपने देश के लिए करते तो भारत कब का सबसे आगे हो चुका होता।