Expect plzzz give answer fst

मित्र
हम एक बार में सभी प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाएंगे। हम प्रथम का उत्तर दे रहे हैं। आप अपने प्रश्न पुनः पूछ सकते हैं।


1. मेघ आए कविता में प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। बादलों के आने पर प्रकृति के निम्नलिखित क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है -

(1) बादल मेहमान की तरह बन-ठन कर, सज-धज कर आते हैं।

(2) उसके आगमन की सूचना देते हुए आगे-आगे बयार चलती है।

(3) उनके आगमन की सूचना पाते ही लोग अतिथि सत्कार के लिए घर के दरवाज़े तथा खिड़कियाँ खोल देते हैं।

(4) वृक्ष कभी गर्दन झुकाकर तो कभी उठाकर उनको देखने का प्रयत्न कर रहे हैं।

(5) आँधी के आने से धूल का घाघरा उठाकर भागना।

(6) प्रकृति के अन्य रुपों के साथ नदी ठिठक गई तथा घूँघट सरकाकर आँधी को देखने का प्रयास करती है।

(7) सबसे बड़ा सदस्य होने के कारण बूढ़ा पीपल आगे बढ़कर आँधी का स्वागत करता है।

(8) ग्रामीण स्त्री के रुप में लता का किवाड़ की ओट से देर से आने पर उलाहना देना।

(9) तालाब मानो स्वागत करने के लिए परात में पानी लेकर आया हो।

(10) इसके बाद आकाश में बिजली चमकने लगी तथा वर्षा के रुप में उसके मिलन के अश्रु बहने लगे।

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