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Dear Student,
मित्र प्रेमचंद की पूरानी फोटो को देखकर लेखक ने जो समझा और जाना उसे प्रेमचंद के फटे जूते नामक कहानी के रूप में उतार दिया है। यह पाठ भारत के लेखकों की दुर्दशा का वर्णन करता है। साथ ही यह उन्हें पथभ्रष्ट होने और झूठे मान-सम्मान के पीछे भागने से रोकता है। इस कहानी से हमें सादा जीवन तथा उच्च विचार के पथ पर चलने की सीख मिलती है। दिखावटी जीवन की अपेक्षा हमें यथार्थ तथा सादगी का जीवन जीना चाहिए। हमें समाज की कुरीतियों तथा आडंबरों का विरोध करना चाहिए।
Regards,
Daivik Lakshmipathy.
मित्र प्रेमचंद की पूरानी फोटो को देखकर लेखक ने जो समझा और जाना उसे प्रेमचंद के फटे जूते नामक कहानी के रूप में उतार दिया है। यह पाठ भारत के लेखकों की दुर्दशा का वर्णन करता है। साथ ही यह उन्हें पथभ्रष्ट होने और झूठे मान-सम्मान के पीछे भागने से रोकता है। इस कहानी से हमें सादा जीवन तथा उच्च विचार के पथ पर चलने की सीख मिलती है। दिखावटी जीवन की अपेक्षा हमें यथार्थ तथा सादगी का जीवन जीना चाहिए। हमें समाज की कुरीतियों तथा आडंबरों का विरोध करना चाहिए।
Regards,
Daivik Lakshmipathy.